Rajasthan Special GK Weekly May 2020 (10-16 May) in hindi pdf

Rajasthan Special GK Weekly May 2020 (10-16 May) in hindi pdf

Rajasthan Special Current affairs in hindi pdf

May 2020 Current GK

राजस्थान विशेष साप्ताहिक करेंट अफेयर्स 

मई, 2020 (10 से 16  मई, 2020)

थार योजना का उद्देश्य है?

कृषि क्षेत्र में नये निवेश के लिए ट्रांसफाॅर्मिंग एण्ड हारवेस्टिंग एग्रीकल्चर एण्ड अलाइड सेक्टर इन राजस्थान (थार) योजना लाई जाएगी। इसके माध्यम से खेती में लागत को कम करना, किसानों की आमदनी में वृद्धि करना, कृषि प्रसंस्करण को प्रोत्साहित करना, कृषि में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ाना तथा राज्य के कृषि एवं संबंधित उत्पादों को ब्रांड राजस्थान के तहत देश एवं दुनिया के बाजारों तक पहुंचाने आदि नवाचार शामिल है।

ERSS क्या है?

राजस्थान में अपराध पर नियंत्रण के लिये ERSS (Emergency Response Support System) विकसित किया जायेगा ताकि आपात स्थिति में 108 की तर्ज पर 112 नम्बर डायल करने पर एक निश्चित अवधि में मोबाइल पुलिस यूनिट घटना स्थल पर पहुंच सके।

कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम क्या है?

उन्नत कृषि तकनीक को सहज एवं सरल तरीके से किसानों तक पहुंचाने के लिए ‘कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम’ चलाया जाता है। इसके तहत कृषि खंड स्तर पर बहुपयोगी किसान मेलों, गोष्ठियों एवं प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिये शैक्षणिक योग्यता है?

राजस्थान में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अल्पसंख्यकों के बीपीएल परिवारों में होने वाले विवाह के वक्त आर्थिक सम्बल देने के लिये ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ लाई गई है। जिसके तहत पात्र कन्याओं को
21 हजार की सहायता हथलेवा के रूप में प्रदान की जायेगी। इस योजना में आठवीं पास वयस्क बालिका ही सहायता की पात्र होगी।

सीमेंट उत्पादन में राजस्थान का कौनसा स्थान है?

सीमेंट उत्पादन के मामले में राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है। राज्य में 90 प्रतिशत पोर्टलैण्ड सीमेंट का उत्पादन किया जाता है। कुल उत्पादन की दृष्टि से देखे तो राजस्थान देश के 16 प्रतिशत सीमेंट का उत्पादन करता है। आंध्रप्रदेश सीमेंट उत्पादन के मामले में पहले स्थान पर है। 

राजस्थान में सीमेंट उत्पादन के लिये सर्वाधिक अनुकूल जिले हैं?

सीमेंट उद्योग की स्थापना के लिये राजस्थान में सर्वाधिक अनुकूल जिले चित्तौड़गढ़ और सवाई माधोपुर हैं। चित्तौड़गढ़ में सीमेंट उत्पादन की 6 बड़ी इकाइयां काम कर  रही है। इसी वजह से चित्तौड़गढ़ को सीमेंट नगरी भी कहा जाता है। 

राजस्थान का पहला सीमेंट कारखाना स्थापित हुआ?

राजस्थान में सबसे पहले सीमेंट कारखाने की शुरूआत 1915 में एसीसी कंपनी द्वारा लाखेरी में की गई थी। सीमेंट बनाने के लिये उपयोग में आने वाले कच्चे माल लाइम स्टोन और जिप्सम राजस्थान में बहुतायत में पाये जाते हैं। 

राजस्थान में सफेद सीमेंट का उत्पादन कहां होता है?

राजस्थान में दो स्थानों गोटन, नागौर और खारिया खंगार, जोधपुर में सफेद सीमेंट का उत्पादन होता है। राजस्थान में कुल सीमेंट उत्पादन में सफेद सीमेंट की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तक है।

सीमेंट का प्रमुख अयस्क है?

लाइमस्टोन का उपयोग पोर्टलैण्ड सीमेंट बनाने में होता है। राजस्थान में सीमेंट ग्रेड लाइमस्टोन का उत्पादन चित्तौड़गढ़, नागौर, जैसलमेर में हो रहा है। सीमेंट के अलावा लाइमस्टोन का प्रयोग लोहा एवं स्टील में भी किया जाता है। स्टीलग्रेड लाइमस्टोन या एसएमएस ग्रेड के प्रमुख भण्डार जैसलमेर के सम, खुंयाला, सानू, खियांखिंवसर, राता, मण्डा क्षेत्र में मिले हैं।

नमक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का स्थान है?

नमक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का देश में तीसरा स्थान है। झीलों से नमक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का देश में प्रथम स्थान है। प्रदेश देश के कुल नमक उत्पादन का 8.5 प्रतिशत उत्पादित करता है। 

राजस्थान के प्रमुख नमक उत्पादक क्षेत्र है?

राजस्थान का नमक उत्पादन खारे पानी की झीलों से ही होता है। इसमें सांभर झील, पचपदरा झील—बाड़मेर और नागौर की डीडवाना झील प्रमुख है। इसके अलावा जैसलमेर के पोकरण में भी नमक का उत्पादन होता है, यहां का नमक उत्तम श्रेणी का माना जाता है। 

राजस्थान में नमक उत्पादन का सबसे बड़ा स्रोत है?

सांभर झील राजस्थान का सबसे बड़ा स्रोत है। साथ ही यह झील देश में नमक उत्पादन का सबसे बड़ा आंतरिक स्रोत भी है। सांभर झील को मेंढा, रूपनगढ़, खारी और  खाण्डेल नदिया से मौसमी जल प्राप्त होता है। सांभर झील से नमक का उत्पादन सरकारी उपक्रम सांभर साल्ट्स लिमिटेड द्वार किया जाता है। 

देवल और खारवाल क्या हैं?

नागौर स्थित डीडवाना क्षेत्र में नमक का उत्पादन निजी संस्थाओं द्वारा किया जाता है, इन्हें स्थानीय भाषा में देवल कहा जाता है। इसी तरह पचपदरा क्षेत्र मे खारवाल जाति के लोग कई पीढ़ियों से नमक निर्माण का काम करते आ रहे हैं। 

मॉडल सॉल्ट फार्म की स्थापना कहां की गई है?

राजस्थान के लवण नि​र्माताओं को तकनीकी ज्ञान उपलब्ध करवाने के लिये नावां—नागौर में मॉडल सॉल्ट फार्म की स्थापना की गई है। इसके अलावा राज्य में राजस्थान सरकार द्वारा डीडवाना और पचपदरा में राजकीय लवण स्रोत संचालित किये जा रहे हैं।

उत्पादन प्रक्रिया के आधार पर राजस्थान में उत्पादित नमक है?

उत्पादन प्रक्रिया के आधार पर राजस्थान में तीन प्रकार का नमक उत्पादित किया जाता है। रेस्टा नमक, क्यारी नमक और पान नमक कहा जाता है। रेस्टा नमक का उत्पादन पचपदरा में, क्यारी नमक का उत्पादन सांभर में और पान नमक का उत्पादन डीडवाना में किया जाता है।

मोरली झाड़ी का उपयोग है?

पचपदरा झील से नमक का उत्पादन में मोरली झाड़ी के उपयोग कर नमक के स्फटिक बनाये जाते हैं। इस क्षेत्र में मुख्यतः हीरागढ़ क्षेत्र से सर्वाधिक नमक निकाला जाता है। 

मॉडल सॉल्ट फार्म की स्थापना कहां की गई है?

राजस्थान के लवण नि​र्माताओं को तकनीकी ज्ञान उपलब्ध करवाने के लिये नावां—नागौर में मॉडल सॉल्ट फार्म की स्थापना की गई है। इसके अलावा राज्य में राजस्थान सरकार द्वारा डीडवाना और पचपदरा में राजकीय लवण स्रोत संचालित किये जा रहे हैं।

राजस्थान में पहला शुगर मिल स्थापित हुआ?

राजस्थान में चीनी का पहला कारखाना दी मेवाड़ शुगर मिल्स, भोपालसागर, चित्तौड़गढ़ में 1932 में निजी क्षेत्र में स्थापित हुआ था जो वर्तमान में बंद है। सार्वजनिक क्षेत्र में दी गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड कार्यरत उपक्रम है, जहां मदिरा निर्माण का कार्य भी किया जाता है।

राजस्थान में फर्टिलाइजर के प्रमुख कारखाने हैं?

कोटा में श्रीराम फर्टिलाइजर्स तथा कोटा के निकट ही गढ़ेपान में चम्बल फर्टिलाइजर्स में रासायनिक उर्वरक का निर्माण किया जाता है। 

राजस्थान में ऊन के प्रमुख कारखाने हैं?

राजस्थान में स्टेट वूलन मिल्स, बीकानेर एक सरकारी कारखाना है जहां ऊनी धागा तैयार किया जाता है। भीलवाड़ा में सिथेंटिक ऊन का कारखाना है। वर्स्टेड स्पिनिंग मिल्स, लाडनूं व चूरू में स्थित है तथा विदेशी आयात—निर्यात संस्था कोटा में स्थि​त है। जोधपुर ऊन फैक्ट्री में ऊनी धागा, कम्बल और कालीन बनाये जाते हैं। 

राजस्थान के प्रमुख हैण्डलूम आर्ट है

राजस्थान में कोटा की मसूरिया और कोटा डोरिया, जयपुर और जोधपुर की लहरिया व चुनरी साड़िया प्रमुख हैण्डलूम है। इसके अलावा अब कोटा, उदयपुर और बांसवाड़ा जिले में कृत्रिम रेशम का उत्पादन ​भी किया जाता है। इस काम के लिये इन जिलों में अर्जुन के पेड़ लगाये जा रहे हैं।

काम के नोट्स:

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