Geography of Rajasthan Notes on Mines and minerals of Rajasthan Part-4

Geography of Rajasthan Notes on Mines and minerals of Rajasthan Part-4

राजस्थान की खनिज सम्पदा भाग-4

राजस्थान के खनिज संसाधन के नोट्स की इस श्रृंखला के पहले हिस्से में धात्विक खनिजों और दूसरे और तीसरे हिस्से में अधात्विक खनिजों से जुड़े तथ्य दिये गये. इस चौथे और आखिरी हिस्से में राजस्थान में पेट्रोलियम संसाधनों से जुड़े तथ्य दिये जा रहे हैं।
 

ईंधन खनिज

इसके अंतर्गत कोयला खनिज तेल और प्राकृतिक गैस आते हैं। 
 

पेट्रोलियम 

पेट्रोलियम अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। 
 
खनिज तेल हाइड्रोकार्बन यौगिकों का मिश्रण होता है। 
 
भूगर्भिक काल में जैव पदार्थों के अवसादी शैल के बीच दबने से पेट्रोलियम का निर्माण हुआ।
 
राजस्थान में बीकानेर, जैसलमेर व पश्चिमी जोधपुर में अवसादी चट्टाने पाई जाती है। 

खनिज तेल के प्रमुख क्षेत्र 

1. बाड़मेर: गुढ़ामालानी  
2. जैसलमेर: तनोट, घोटारू, डांडेवाला, सादेवाला, मनिहारी टिब्बा, लोंगेवाला, बाधेवाला  
3. जोधपुर: म्यारजाल
गुढ़ामालानी के नगर गांव व मामियों की ढाणी में रागेश्वरी तेल कुआं स्थित है, जहां खनिज तेल का दोहन ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी द्वारा किया जा रहा है। 
 
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार ने राजस्थान में पेट्रोलियम के लिए संभावित बेसिन चिन्हित किए हैं:  
 
1. बाड़मेर—सांचौर बेसिन: बाड़मेर व जालौर जिले में स्थित इस क्षेत्र में भंगला सहित 38 तेल कुओं की खुदाई की गई है, इनमें भाग्यम, कामेश्वरी जैसे मुख्य स्थल मौजूद है। 
 
2. बीकानेर—नागौर बेसिन: यह तेल क्षेत्र बीकानेर, नागौर, हनुमानगढ़ व गंगानगर जिले में फैला हुआ है। 
 
3. जैसलमेर बेसिन: यह बेसिन किशनगढ़, शाहगढ़ वह म्याजलार तक विस्तृत है। 
 
4. विंध्य बेसिन: धौलपुर, करौली, कोटा, झालावाड़, बारां, बूंदी और सवाई माधोपुर तक का इस बेसिन का विस्तार है। 
 
भारत सरकार की उदारीकरण नीति 1991 के फलस्वरुप हाइड्रोकार्बन सेक्टर में अन्वेषण एवं विकास हेतु बहुराष्ट्रीय एवं निजी कंपनियों की भागीदारी संयुक्त अन्वेषण NELP, OALP और DSF प्रतिस्पर्धात्मक बिल्डिंग के माध्यम से सुनिश्चित की गई है। 
 
जैसलमेर बेसिन में ओएनजीसी, ऑयल इंडिया लिमिटेड एवं फोकस एनर्जी द्वारा क्रमशः मनिहारी डिब्बा, कमली ताल, तनोट डांडेवाल एवं शाहगढ़ में प्राकृतिक गैस की खोज की गई है। 
 
जैसलमेर के चिन्नेवाला में तेल एवं गैस की खोज के लिए ओएनजीसी से अनुबंध किया गया है। 
 
राजस्थान में भारी तेल क्षेत्र बाधेवाला, कलरेवाला, तावरीवाला हैं। 

राजस्थान रिफाइनरी परियोजना 

एचपीसीएल और राजस्थान सरकार के बीच 9 मिलियन टन वार्षिक क्षमता की रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल कॉन्प्लेक्स की स्थापना हेतु वर्ष 2017 में एमओयू साइन किया गया था।  
 
यह देश की पहली ऐसी परियोजना है जिसमें रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉन्प्लेक्स का मिश्रण है।  
 
परियोजना की लागत 43129 करोड़ रुपए है।  
 
यहां से उत्पाद के रूप में पेट्रोल, डीजल, केरोसिन एवं पेट्रोकेमिकल जैसे पॉलीप्रोप्लीन एवं पॉलीएथिलीन का उत्पादन होगा।  
 
इसमें हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड की भागीदारी 74% और राज्य सरकार की भागीदारी 26% है।  
 
इस कॉम्लेक्स की स्थापना पचपदरा बाड़मेर में की जा रही है।  
 
राजस्थान में पेट्रोलियम अन्वेषण, उत्पादन, परिशोधन, वितरण व परिवहन के लिए राजस्थान स्टेट पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन किया गया है।  

कोयला 

राज्य में कोयला बीकानेर जोधपुर और जैसलमेर क्षेत्र में पाया जाता है।  
बीकानेर लिग्नाइट की मुख्य उत्पादन पेटी है जिसमें पलाना, खारी, चान्नेरी, गंगासरोवर, गुढ़ा, बीथनोक क्षेत्र स्थित है।  
 
इन सभी क्षेत्रों में पलाना प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है। यहां लिग्नाइट कोयला उत्पादित होता है जो निम्न श्रेणी का माना जाता है।  
 
पलाना खाने टर्शरी कोयला जमाव के अंतर्गत आती है।  
 
गौर के मेड़ता रोड,  कसनउ, इग्यार और मातासुख तथा बाड़मेर के कपूरडी क्षेत्र में भी कोयले का भंडार मिले हैं।  
 
ड़मेर के गिरल क्षेत्र कोयला खनन कार्य राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम द्वारा किया जाता है।
 

काम के नोट्स:

राजस्थान का भुगोल: महत्वपूर्ण तथ्य

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