Geography of Rajasthan Notes on Mines and minerals of Rajasthan Part-1

Notes on Mines and minerals of Rajasthan Part-1

राजस्थान की खनिज सम्पदा भाग-1

राजस्थान की खनिज सम्पदा और उनसे जुड़े प्रमुख तथ्यों को बिंदुवार नोट्स के रूप में देने की कोशिश की जा रही है। इन बिन्दुओं के आधार पर राजस्थान की प्रतियोगी परीक्षाओं में खान एवं खनिज सेक्टर से आने वाले प्रश्नों को तैयार करने में आसानी होगी। हमारी कोशिश है कि नोट्स को अपडेट स्रोत और सटीक बनाया जाये।

प्रकृति में खनिज अन्य तत्वों के साथ मिश्रित रूप में मिलते हैं, जिनको अयस्क कहा जाता है। जैसे लौह धातू हेमटाइट और मेग्नेटाइट अयस्क के रूप में मिलती है तथा बाॅक्साइट अयस्क से प्राप्त किया जाता है।

ऐसे खनिज जिनमें धातू का अंश मौजूद हो उनको धात्विक खनिज कहा जाता है।

 

ऐस खनिज जिनमें धातु का अंश बिल्कुल नहीं पाया जाता है अधात्विक खनिज कहलाते हैं। 

 

कई प्रकार के खनिजों की प्राप्ति के कारण राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है। देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का योगदान 22 प्रतिशत है।

खनिज भण्डारों की दृष्टि से झारखण्ड के बाद राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है। जबकि खनिज उत्पादन की दृष्टि से देश में तीसरा स्थान है। 

 

राजस्थान में अरावली पहाड़िया व दक्षिण पूर्वी पठार खनिज पदार्थों की दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है। पश्चिमी राजस्थान तेल व गैस की दृष्टि से समृद्ध क्षेत्र है। पश्चिमी राजस्थान तेल और गैस की दृष्टि से समृद्ध है।

राज्य में खनिजों का वितरण किसी एक प्राकृतिक विभाग में संकेन्द्रित न होकर छितरा हुआ है।

वोल्स्टोनाइट, जास्पर, सीसा, जस्ता, फ्लोराइट, जिप्सम, संगमरमर, एस्बेस्टाॅस, घीया पत्थर, राॅक फाॅस्फेट आदि खजिनों के उत्पादन में राज्य का एकाधिकार है।

राजस्थान जास्पर और वोल्स्टोनाइट का एकमात्र उत्पादक राज्य है। 

 

राजस्थान में प्रमुख खनिजों का क्षेत्रवार विवरण

तांबा 

यह आग्नेय और कायान्तिरत चट्टानों में पाया जाता है। यह लचीला और विद्युत का सुचालक है। 

 

ताम्बा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है। 

 

राज्य में तांबा शोधन प्लांट हिन्दुस्तान काॅपर लिमिटेड खेतड़ी में लगा हुआ है। 

राजस्थान में तांबे के प्रमुख खनन क्षेत्र

1.झुंझुनूंः खेतड़ी, सिंघाना (मन्धान और कोल्हन), बम्बाई, बेरखेड़ा, अखवाली, बनवरसा

2.सीकर: नीमा का थाना, बन्नों वालों की ढाणी

3.अलवरः खो-दरीबा

4.भीलवाड़ाः पुर-आगुचा, गुलाबपुरा

5.उदयपुरः देबारी, सलूम्बर, रेलमगरा, अंजनी

6.चूरूः बीदासर

7.डूंगरपुरः पादर की पाल

 

लोहा

राजस्थान में लौह अयस्क क्षेत्र

1.जयपुरः मोरीजा, बानोल(आमेर), नीमला-राइसेला

2.सीकरः डाबला-सिंघाना

3.उदयपुरः नाथरा की पाल, थूर-हुण्डेर

4.बूंदीः इंदरगढ़, मोहनपुरा

5.झुंझुनूंः टांडा

6.भीलवाड़ाः पुर-बनेडा, बीगोद

 

सीसा-जस्ता

सीसा-जस्ता मुख्यतः गैलेना अयस्क से प्राप्त किया जाता है। इसके अतिरिक्त कैलेमीन, जिंकाइट और विमेलाइट से भी यह प्राप्त किया जाता है। 

 

सीसा जस्ता उत्पादन में राजस्थान का एकाधिकार है। देश में कुल भण्डार का 89.2 प्रतिशत भाग राजस्थान में पाया जाता है। 

 

सीसा जस्ता का सर्वाधिक उत्पादन जावर क्षेत्र में होता है। 

 

उदयपुर के निकट देबारी में निजी क्षेत्र में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड का कारखाना स्थापित है। 

 

चित्तौड़गढ़ के निकट चंदेरिया में एषिया का सबसे बड़ा सुपर जिंक स्मेलटर संयंत्र ब्रिटेन की सहायता से 2005 में स्थापित किया गया है। 

 

इसके अलावा दरीबा, राजसमन्द में भी जिंक स्मेल्टर है। 

 

ये दोनों संयंत्र निजी क्षेत्र की कम्पनी वेदांता समूह के द्वारा वर्तमान में संचालित है। 

 

जस्ते के शोधन से उत्पाद के रूप में सुपर फास्फेट व केडमियम प्राप्त होता है। 

 

कांसा, बारूद और जहाज निर्माण में सीसा-जस्ता उपयोग होता है। 

 

चांदी का उत्पादन सीसा-जस्ता के साथ मिश्रित धातु के रूप में होता है। यह विद्युत की सुचालक है। 

 

उदयपुर के पास जावरर खान व जावरमाला पहाड़ियां प्रमुख उतपादक क्षेत्र हैं। यहां पर हिंदुस्तान जिंक द्वारा सीसे-जस्ते के मिश्रण से चांदी निकाली जाती है। 

 

राजस्थान में सीसा जस्ता प्रमुख क्षेत्र

1.उदयपुरः जावर

2.राजसमन्दः राजपुर-दरीबा-बिठूमी, सिंदेसर कला, सिंदेसर खुर्द

3.भीलवाड़ाः रामपुरा आगुचा, पुर बनेडा, गुलाबपुरा

4.सिरोहीः डहरी

5.अजमेरः कायर, घूरघरा, साबर

6.अलवरः गुढ़ा, किशोरीदास

7.सवाई माधोपुरः चौथ का बरवाड़ा

टंगस्टन

टंगस्टन वुलफ्रेमाइट अयस्क से प्राप्त होता है। यह सामरिक महत्व का खनिज है। 

 

वर्तमान में आयातित टंगस्टन सस्ता होने के कारण राजस्थान में इसका खनन बंद है। 

 

राजस्थान में टंगस्टन प्रमुख क्षेत्र

1.नागौरः रेवत और भाकरी (डेगाना)

2.सिरोहीः बाल्दा

3.अमरतियाः डूंगरपुर

4.उदयपुरः कुण

5.पालीः बराठिया

6.अजमेरः लादेरा-साकुण

 

मैगनीज

मैगनीज पायरोल्यूसाइट, ब्राउनाइट, साइलोमिलेन अयस्क से प्राप्त किया जाता है। 

 

राजस्थान में मैगनीज प्रमुख क्षेत्र

बांसवाड़ाः लीलवानी, सिवानिया, काला खूंटा, घाटिया, रूपा खेड़ी, तंबेसरा

बांसवाड़ा के गुरडिया से रथिमुरी के बीच में ये खाने स्थित है। 

सोना

सोना दुनिया भर में पाई जाने वाली सबसे मूल्यवान धातूओं मे से एक है।
खेतड़ी काॅपर क्षेत्र में उप उत्पाद के रूप में सोना भी निकाला जाता है।
जगपुरा में सोना दोहन का कार्य हिंदुस्तान जिंक द्वारा किया जाता है।
राजस्थान में भी सोने का खनन कई क्षेत्रों में होता है, इनमें से प्रमुख की सूची इस प्रकार है।

राजस्थान में सोना उत्पादक प्रमुख क्षेत्र

1.बांसवाड़ाः भूकिया-जगपुरा-देलवाड़ा बेल्ट
2.दौसाः ढाणी बासरी
3.अलवरः खेड़ा-मुण्डियावास
4.सीकरः डोकन

बेरीलियम

अणुशक्ति में प्रयोग होने के कारण इसको खरीदने को एकाधिकार भारत सरकार को ही है। 
उदयपुर के शिकारवाड़ी, सिले का गुड़ा, चम्पागुड़ा और जयपुर के गुजरवाड़ा में इसके प्रमुख भण्डार है।

 

काम के नोट्स:

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