Annpurna doodh yojna details in hindi

Annpurna doodh yojna details in hindi

अन्नपूर्णा दूध योजना

अन्नपूर्णा दूध योजना के माध्यम से राजस्थान सरकार ने मिड—डे—मिल योजना में लाभान्वित हो रहे स्कूली बच्चों को दूध उपलब्ध करवाने का प्रयास किया है. 


क्या है अन्नपूर्णा दूध योजना का उद्देश्य?

अन्नपूर्णा दूध योजना का उद्देश्य राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के नामांकन और उपस्थिति में बढ़ोतरी करना, ड्राप आउट की दर को कम करना, बच्चों के पोषण में वृद्धि और आवश्यक मेक्रो और माइक्रो न्यूट्रिएन्ट्स उपलब्ध करवाना है.


कौन होगा योजना के लिए पात्र?

इस योजना से सभी राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालय, मदरसे और स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर्स में कक्षा 1 से 8 तक बच्चों को सप्ताह में 3 दिन उच्च गुणवत्ता वाला, गर्म और ताजा दूध उपलब्ध करवाया जाएगा.

कहां से खरीदा जाएगा दूध?

इस योजना में दूध मिड डे मील योजना के तहत खरीदा जाएगा. दूध खरीद के लिए ग्रामीण क्षेत्र में पंजीकृत महिला दुग्ध समितियों को प्राथमिकता दी जाएगी. जहां महिला दुग्ध उत्पादक समितियां नहीं होंगी वहां दूसरी पंजीकृ​त दुग्ध उत्पादक समितियों, महिला स्वयं सहायता समूह, अन्य स्वयं सहायता समूह या अन्य कोई दूध उपलब्ध करवाने वाले स्रोत की सहायता ली जाएगी. दूध खरीदने का काम शाला प्रबंधन समिति द्वारा किया जाएगा.
शहरी क्षेत्रों में सरस डेयरी बूथ से दूध क्रय किया जाएगा.

कितना दूध मिलेगा बच्चों को?

अन्नपूर्णा दूध योजना में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को प्रति छात्र 150 एमएल दूध और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 200 एमएल दूध उपलब्ध करवाया जाएगा.

कब मिलेगा बच्चों को दूध?

अन्नपूर्णा दूध योजना में शहरी क्षेत्र में प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दूध वितरित किया जाएगा. जबकि ग्रामीण क्षेत्र में सोमवार, बुधवार या शुक्रवार या फिर मंगलवार, गुरूवार और शनिवार को दूध वितरित किया जाएगा. दूध वितरित करने का काम प्रार्थना सभा के तुरंत बाद किया जाएगा.

कैसे तय की जाएगी दूध की गुणवत्ता?

अन्नपूर्णा दूध योजना मे क्रय किए जाने वाले दूध के प्रत्येक 100 एमएल में निम्नानुसार पोषक तत्व होना आवश्यक है:
प्रोटीन— 3.2 ग्राम
वसा — 3.0 ग्राम
कैलोरी— 58 किलोकैलोरी
कार्बोहाइड्रेट— 4.6 ग्राम
दूध की जांच लेक्टोमीटर के माध्यम से की जाएगी. बच्चों को दूध देने से पहले एक अध्यापक और एक अभिभावक द्वारा दूध चखा जाएगा. इसके लिए दूध की गुणवत्ता जांचने के लिए समय—समय पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की खाद्य सुरक्षा ए​जेंसियां और सहकारी डेयरी के अधिकारियों से दूध की जांच करवाई जाएगी.

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