Historical Places of Alwar: Narayani ji, jaisamand Bandh and Museam

अन्य दर्शनीय स्थल

नारायणीजी : अलवर जिले की राजगढ़ तहसील में बरवा डूंगरी की तलहटी में स्थित इस रमणीय स्थल पर नाई समाज की कुल देवी ‘नारायणी’ माता का मन्दिर है। मन्दिर के सामने संगमरमरी पत्थरों से बना एक छोटा सा कुंड भी है। सैलानियों के आकर्षण का यह प्रमुख केन्द्र है।
जयसमन्द बांध : महाराजा जयसिंह द्वारा निर्मित यह बांध जिले में न केवल सिंचाई की दृष्टि से बल्कि अपार जल भंडार और सुन्दर कलात्मक छतरियों के कारण पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह अलवर से 9 किलोमीटर दूर स्थित है।
संग्रहालय : अलवर संग्रहालय उत्तरी भारत के अच्छे संग्रहलायों में से एक माना जाता है। यहां विशेष रूप से दुर्लभ ऐतिहासिक ​हथियारों, ऐतिहासिक मुगल शासकों की तलवारों, पाण्डुलिपियों, कलात्मक वस्तुओं और प्राचीन मूर्तियों तथा शिलालेखों का संग्रह है। चित्रकला की दृष्टि से यह संग्रहालय बड़ा समृद्ध है। यहां पर राग—रागनियों और बारहमासा सम्बन्धी चित्र भी बड़े सुन्दर है। अलवर शैली के चित्र भी इस संग्रहालय में उपलब्ध है।
     इनके अलावा भी अलवर जिले में अनेक दर्शनीय स्थल है, जिनमें विजय मन्दिर, तिजारा का जैन मंदिर, भर्तृहरि का गुम्बद, अजबगढ़, झिलमिलदह, पाराशर और गर्वाजी प्रमुख हैं।

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