Freedom struggle in Alwar

अलवर में स्वतंत्रता संग्राम

1925— राज द्वारा की गई लगान वृद्धि के विरूद्ध किसान आन्दोलन, चौबीस मई को नीमूचाना में किसानों की बड़ी सभा। राज की सेना द्वारा गोलीकांड में अनेक व्यक्ति मरे, सैकड़ों दुधारू पशु जल मरे, गांव में आगजनी। गांधी जी ने ‘हरिजन’ में इसे जलियां वाला कांड की संज्ञा दी।
1932— हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी नामक क्रांतिकारी संगठन के नेता राजगढ़ के भवानी सहाय शर्मा को रेग्यूलेशन एक्ट के तहत 7 वर्ष की सजा। ब्रिटिश जेल में बंद।
1933—37-चार जनवरी 1933 को गोविन्दगढ़ में कस्टम विरोधी आंदोलन पर किसानों पर गोलीकांड, काफी व्यक्ति मरे। अनेक मेव नेता गिरफ्तार। 22 मई 1933 को महाराज जयसिंह को देश से निर्वासन 1 मई 1937 को पेरिस में जयसिंह का निधन। थाना ठिकाने के तेजसिंह को गद्दी पर बैठाने का जनता द्वारा विरोध। कुंज बिहारी मोदी, हरिनारायण शर्मा, सालिग राम, डॉ. जमाली आदि गिरफ्तार। 1937 में दिल्ली से श्री शंकर लाल ने आकर सर्वप्रथम कांग्रेस की स्थापना की। रियासत द्वारा जेल भेजे गए।
1938 : अलवर राज्य प्रजामंडल की विधिवत स्थापना। स्कूल फीस ​विरोधी आंदोलन। अनेक प्रजामंडल कार्यकर्ता गिरफ्तार।
1943 : प्रजामण्डल द्वारा विश्व युद्ध के लिए चन्दा वसूलने का विरोध। राजगढ़ में हरिनारायण शर्मा व मास्टर भोलानाथ गिरफ्तार। शोभाराम, कृपादयाल माथुर, रामचंद्र उपाध्याय वकालत छोड़कर प्रजामंडल में सक्रिय।
1943—45 : रियासत के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रजामंडल की सभाएं, संगठन मजबूत। सन् 1944 में ​गिरधर आश्रम में राजपूताना कार्यकर्ताओं का विशाल सम्मेलन जिसमें मृदुला बेन साराभाई, कमल नयन बजाज, जयनारायण व्यास, हीरालाल शास्त्री, गोकुल भाई भट्ट आदि बड़े नेताओं ने भाग लिया। राजाओं की छत्रछाया में रियासत में उत्तरदायी शासन की मांग का प्रस्ताव पास।
1946 : फरवरी में खेड़ा मंगलसिंह में प्रजामण्डल द्वारा जागीरी जुल्मों के विरूद्ध विशाल किसान सम्मेलन। शोभाराम, भोलाराम सहित प्रजामंडल के अनेक नेता गिरफ्तार। अप्रैल 1946 में किशनगढ़बास के राता में तम्बाकू टैक्स के विरोध में आंदोलन कर रही भीड़ पर रियासत द्वारा गोली से दो लोगों की मौत। पूरे राज्य में अगस्त में गैर जिम्मेदार मिनिस्टरों कुर्सी छोड़ो आंदोलन प्रारंभ। अगस्त से दिसम्बर तक भारी विरोध।
1948 : अलवर प्रशासन केन्द्र के हाथ में। 18 मार्च को अलवर, करौली, भरतपुर व धौलपुर रियासतों को मिलाकर मत्स्य संघ की स्थापना। बाबू शोभाराम संघ के प्रथम प्रधानमंत्री। 22 मार्च 1948 को मत्स्य संघ का वृहद राजस्थान में विलय।

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